Aarti Shree Ram Ji Ki Lyrics In Hindi

Aarti Name Aarti Shree Ram Ji Ki
Lyrics By Traditional
Music By Kailash Kumar
Singer Satya Adhikari

 

आरती श्री राम जी की लिरिक्स ( सत्य अधिकारी ) राम जी आरती 

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर
कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी
नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि
शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल
चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक
चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास
शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु
कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि
सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान
सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी
सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी
मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु ना जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल
वाम अंग फरकन लगे।।

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर
कंज पद कन्जारुणम्।।

बोलो सियावर रामचंद्र की जय…

समाप्त 

बोल : ट्रेडिशनल 
गायक : सत्य अधिकारी 


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