बन्नी सॉन्ग लिरिक्स
मिश्री स्यूं मीठी बातां थारी मन है प्रेम को झरणों सा
कांच भी थांसू शरमा जावे ऐसो रूप सजिलो सा
बन्नी थारो चाँद सरि सो मुखडो
कोई नज़र नहीं लग जाए
बन्नी थोड़ा हळवे-हळवे चालो
कोई मोच नहीं पड़ जाए
बन्नी थारो चाँद सरि सो मुखडो
कोई नज़र नहीं लग जाए
बन्नी थोड़ा हळवे-हळवे चालो
कोई मोच नहीं पड़ जाए
केसर की थे क्यारी लागो रंग भरी थे थाळी सा
खूब चाव स्यूं निरखा थान चाल थारी मतवाळी सा
ओ बन्नी थारा कैस है कामणं गारा
ओ बन्नी थारा कैस है कामणं गारा
म्हारो तो मन उळझा
बन्नी थारी आंख्यां है मतवाळी
ओ बन्नी थारी आंख्यां है मतवाळी
म्हारो तो मन बहकाए
बन्नी थारो चाँद सरि सो मुखडो
कोई नज़र नहीं लग जाए
बन्नी थोड़ा हळवे-हळवे चालो
कोई मोच नहीं पड़ जाए
मिश्री स्यूं मीठी बातां थारी मन है प्रेम को झरणों सा
कांच भी थांसू शरमा जावे ऐसो रूप सजिलो सा
ओ बन्नी थारी जद पायलड़ी बाजे
ओ बन्नी थारी जद पायलड़ी बाजे
म्हारो तो मन हर्षाय
बन्नी थारो रूप लगे लाकिणों
ओ बन्नी थारो रूप लगे लाकिणों
थान देख बन्ना मुस्काय
बन्नी थारो चाँद सरि सो मुखडो
कोई नज़र नहीं लग जाए
बन्नी थोड़ा हळवे-हळवे चालो
कोई मोच नहीं पड़ जाए
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : धनराज दाधीच, कोमल & विष्णु जांगिड़
गायक ( Singer) : कपिल जांगिड़ & कोमल कँवर