Bhagwan Hai Kahan Re Tu Lyrics


भगवन है कहाँ रे तू लिरिक्स 

है सुना ये पूरी धरती तू चलता है 
मेरी भी सुन ले अरज मुझे घर बुलाता है 
भगवन है कहाँ रे तू… 
हे खुदा है कहाँ रे तू… 

है सुना तू भटके मन को राह दिखता है 
मैं भी खोया हूँ मुझे घर बुलाता है 
भगवन है कहाँ रे तू… 
हे खुदा है कहाँ रे तू…

आ…

मैं पूजा करूँ या नमाजें पढूं 
अरदासें करूं दिन रेन 
ना तू मंदिर मिले ना तू गिरजे मिले 
तुझे ढूंढें थके मेरे नैन, तुझे ढूंढें थके मेरे नैन
तुझे ढूंढें थके मेरे नैन…

जो भी रस्में हैं वो सारी मैं निभाता हूँ 
इन करोड़ों की तरह मैं सर झुकाता हूँ 
भगवन है कहाँ रे तू… 
हे खुदा है कहाँ रे तू…

तेरा नाम कई तेरे चेहरे कई 
तुझे पाने की राहें कई 
हर राह चला पर तू ना मिला 
तू क्या चाहे मैं समझा नहीं, तू क्या चाहे मैं समझा नहीं
तू क्या चाहे मैं समझा नहीं… 

सोचे बिन समझे जतन करता ही जाता हूँ 
तेरी ज़िद सर आँखों पर रख के निभाता हूँ 
भगवन है कहाँ रे तू… 
हे खुदा है कहाँ रे तू…

भगवन है कहाँ रे तू… 
हे खुदा है कहाँ रे तू…


समाप्त ( End) 

बोल ( Lyrics) : सवानन्द किरकिरे 
गायक ( Singer) : सोनू निगम 

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