करैक्टर ढीला २.० लिरिक्स
ढीला ढीला ढीला
झूट मूट का प्यार सबके सर पे सवार है
रोमियों के पोते हैं मजनू के रिश्तेदार है
हम्म.. झूट मूट का प्यार सबके सर पे सवार है
रोमियों के पोते हैं मजनू के रिश्तेदार है
सभी को बाँट दे ऐसे
है दिल प्रसाद हो जैसे
इश्क़ के नाम पे सबने
रचाई रास लीला है
मैं करु तो, मैं करु तो
मैं करु तो साला करैक्टर ढीला है
हो.. मैं करु तो साला करैक्टर ढीला है
ढीला ढीला ढीला
करैक्टर ढीला है…
इस मोहब्बत की आड़ में
सभी हैं एक जुगाड़ में
बस एक मौके की ताड़ में
मारे मारे मारे मारे फिरते हैं
दिखाते खुद को बॉन्ड है
मगर नियत से फ्रॉड है
लिए मासूम सी सखल
सारे सारे सारे सारे फिरते हैं
हाँ.. इक अनार के पीछे सारी जनता बीमार है
आधे लूट चुके और बाकी बैठे तैयार हैं
उठा के प्यार की कसमें
लगे रहते हैं आपस में
इश्क़ के नाम पे सबने
रचाई रास लीला है
मैं करु तो, मैं करु तो
मैं करु तो, ढीला ढीला ढीला
करैक्टर ढीला है
हो.. मैं करु तो साला करैक्टर ढीला है
करैक्टर ढीला है
करैक्टर ढीला है
करैक्टर ढीला है
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : आशीष पंडित
गायक ( Singer) : नीरज श्रीधर & स्टाइल बाई