ढिंढोरा बाजे रे लिरिक्स ( रॉकी और रानी की प्रेम कहानी )
माँ भौबोतारिणी दूरगोटि हारिणि
दोषो प्रोहोरोनो धारिणी
माँ भौबोतारिणी दूरगोटि हारिणि
दोषो प्रोहोरोनो धारिणी
हर बंदिश से छूट के
बस इश्क़ करेंगे टूट के
अब रोक सके तो रोक ले दुनिया
अरे इश्क़ किया तो शर्म क्या
अजी इश्क़ से बढ़ के कर्म क्या
अब टोक सके तो टोक ले दुनिया
हम दोनों बेमिसाल सज धज के कमाल
बाहें डाले हुए बाहों में जो नाचें
ढिंढोरा बाजे रे, ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे, ढिंढोरा बाजे रे
दिन वो गुज़ारे, गीनके सितारे
ये जिसके भी अंग लगे
चलना हवा पे जाने है इसको
हैं सुर्खाब के पंख लगे…
अरे इसके सिंगार में इंद्रधनुष
के ही जितने है रंग लगे
ओह जो भी कहिये हज़ूर
ये शगन का सिंदूर
ऐसे चंदा जैसे मुखड़े पे साजे
ढिंढोरा बाजे रे, ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे, ढिंढोरा बाजे रे
उलझ के यहाँ सुलझते नहीं
दिलों के मांझे रे
ढिंढोरा बाजे रे, ढिंढोरा बाजे रे
आयी गिरी नंदिनी, नन्दिता मेधीनी
विस्वा विनोधीनी नंदनुते
गिरिवर विंध्य सिरोधी निवासिनी
विष्णु विलासिनी जिष्णु नुथे
जय जय हे महिषासुरा मर्दिनी
रम्य कपर्दिनि शैला सुथे दुर्गे
जय जय दुर्गे…
समाप्त
बोल : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक : दर्शन रावल & भूमि त्रिवेदी