दिल इबादत कर रहा है लिरिक्स ( इमरान हाश्मी & सोहा अली खान ) तुम मिले
दिल इबादत कर रहा है
धड़कने मेरी सुन
तुझको मैं कर लूँ हासिल
लगी है यही धून
ज़िंदगी की शाख से लूँ
कुछ हसीन पल मैं चुन
तुझको मैं कर लू हासिल
लगी है यही धून
ओ सियो लेयो समा लेयो
सीयो लेयो आ..
ओ सियो लेयो समा लेयो
सीयो लेयो आ..
दिल इबादत कर रहा है
धड़कने मेरी सुन
तुझको मैं कर लूँ हासिल
लगी है यही धून
ज़िंदगी की शाख से लूँ
कुछ हसीन पल मैं चुन
तुझको मैं कर लू हासिल
लगी है यही धून
जो भी जीतने पल जियूँ
उन्हें तेरे संग जियूँ
जो भी कल हो अब मेरा
उसे तेरे संग जियूँ
जो भी साँसे मैं भरूं
उन्हें तेरे संग भरूं
चाहे जो हो रास्ता
उसे तेरे संग चलूं
दिल इबादत कर रहा है
धड़कने मेरी सुन
तुझको मैं कर लूं हासिल
लगी है यही धून
मुझको दे तू मिट जाने
अब खुद से दिल मिल जाने
क्यूँ है ये इतना फासला
लम्हें ये फिर ना आने
इनको तू ना दे जाने
तू मुझपे खुदको दे लूटा
तुझे तुझसे तोड़ लूं
कहीं खुदसे जोड़ लूं
मेरे जिस्म-ओ-जान मैं आ
तेरी खुशबू ओढ़ लूँ
जो भी साँसे मैं भरूं
उन्हें तेरे संग भरूं
चाहे जो हो रास्ता
उसे तेरे संग चलूं
दिल इबादत कर रहा है
धड़कने मेरी सुन
तुझको मैं करलूं हासिल
लगी है यही धून
बाहों में दे बस जाने
सिने में दे छुप जाने
तुझ बिन मैं जाऊं तो कहां
तुझसे है मुझे को पाने
यादों के वो नज़राने
एक जिन पे हक़ हो बस मेरा
तेरी यादो में रहूँ
तेरे ख्वाबो में जगूं
मुझे ढूंढे जब कोई
तेरी आँखो में मिलूं
जो भी साँसे मैं भरूं
उन्हें तेरे संग भरूं
चाहे जो हो रास्ता
उसे तेरे संग चलूं
दिल इबादत कर रहा है
धड़कने मेरी सुन
तुझको मैं करलूं हासिल
लगी है यही धून
ना.. ना…
न.. ना ना..
समाप्त
बोल : सईद क्वाद्रि
गायक : के के (कृषणकुमार कुन्नथ )