गब्बर भी नाचेगा लिरिक्स ( मासूम शर्मा, आशु ट्विंकल ) हरियाणवी
हो ब्यावण खातर आया
न्यू ना डण्डा देणा था
पिस्तौल टांग के आया
बता के कब्जा लेना था
तेरे गुंडया आले रोल
लुगाई डर डर भाजेगी
हो काम्बे पैर बसंती के
या क्यूकर नाचेगी
हाए काम्बे पैर बसंती के
या क्यूकर नाचेगी
अर पुरे धूम धड़ाके ते
तेरी डोली उठेगी
क तो घुँघुरु टूटेंगे
ना गर्दन टूटेगी
जब भरे चौक में
तेरे यार का असला बाजेगा
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
सेवा में श्री मान महोदय
करिये थोड़ा ध्यान महोदय
मैं नहीं चांहदी खून खारबा
धरले तेरा समान महोदय
अरे खुड़के दुड़के बिना बावली
ब्याह कोन्या जच्दा
यो डूंगा खाली लागे
जब तक घोड़ा ना टंगदा
जब दूल्हे आली कुर्सी पे
तेरा यार बीराजेगा
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
हम पेटी लाये ठंडया की
तन दारू मांगी पड्या की
हम लसण प्याज भी खांदे ना
तन बुजी चाहिए अंड्या की
अरे दारू बिना बटेऊआं
की रे सेवा ना होंदी
अरे सेवा बिना कदे भी
हासिल मेवा ना होंदी
जब हैरी लाठर का गाना
रिपीट पे बाजेगा
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
हो काम्बे पैर बसंती के
या क्यूकर नाचेगी
अरे तू कररी बात बसंती की
गब्बर भी नाचेगा…
हो काम्बे पैर बसंती के
या क्यूकर नाचेगी….
समाप्त
बोल : हैरी लाठर
गायक : मासूम शर्मा & आशु ट्विंकल