हमसफ़र लिरिक्स
सुन जालिमा मेरे…
सानू कोई डर ना की समझेगा ज़माना
तू वि सी कमली मैं वि सा कमला
इश्क़ दा रोग स्याना, इश्क़ दा रोग स्याना
सुन मेरे हमसफर
क्या तुझे इतनी सी भी खबर…
सुन मेरे हमसफर क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी सांस चलती जिधर रहूँगा बस वही उम्र भर
रहूँगा बस वही उम्र भर, हाय
जितनी हसीं ये मुलाकाते है उनसे भी प्यारी तेरी बातें है
बातों में जो तेरी खो जाते है आऊं ना होश में कभी
बाँहों में है तेरी ज़िन्दगी, हाय
सुन मेरे हमसफर
क्या तुझे इतनी सी भी खबर…
जालिमा तेरे इश्क़ च मैं
हो गयी कमली, हाय
मैं तो यूँ खड़ा किस सोच में पड़ा था
कैसे जी रहा था मैं दीवाना
चुपके से आके तूने दिल में समा के तूने
छेड़ दिया कैसा ये फ़साना
ओ…
मुस्कुराना भी तुझी से सीखा है दिल लगाने का तू ही तरीका है
ऐतबार भी तुझी से होता है आऊं ना होश में मैं कभी
बाँहों में है तेरी ज़िन्दगी, हाय
है नहीं था पता के तुझे मान लूंगा खुदा
की तेरी गलियों में इस कदर आऊंगा हर पहर
सुन मेरे हमसफर क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी सांस चलती जिधर रहूँगा बस वही उम्र भर
रहूँगा बस वही उम्र भर, हाय
जालिमा तेरे इश्क़ च मैं…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : अखिल सचदेवा
गायक ( Singer) : अखिल सचदेवा & मनशील गुजराल