Jaam Woh Hai Jo Bhar Ke Lyrics In Hindi

जाम वो है जो भर के लिरिक्स ( कुमार सानू ) सैनिक 

जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

लहरों को कभी ना
छुपा पायेगा समंदर
लहरों को कभी ना
छुपा पायेगा समंदर

रोशनी कभी ना
छुपेगी शमा के अंदर
रोशनी कभी ना
छुपेगी शमा के अंदर

चेहरा खामोश
आईने में उतर जाएगा
रंग खुशबू का हवाओ में
बिखर जाएगा ओ बिखर जाएगा

फूल वो है जो खिल के
महकता है महकता है
फूल वो है जो खिल के
महकता है महकता है

प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

प्यार की चाहत की
नयी रोशनी दिखाने
प्यार की चाहत की
नयी रोशनी दिखाने

आया हूँ दिलो से
में तो नफरते मिटाने
आया हूँ दिलो से
में तो नफरते मिटाने

सारी दुनिया से हम
तो दोस्ती निभायेंगे
प्यार का गीत सारी उम्र
गुनगुनायेंगे हो गुनगुनायेंगे

साज वो है जो नगमो पे
खनकता है खनकता है
साज वो है जो नगमो पे
खनकता है खनकता है

प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है छलकता है

समाप्त

बोल : समीर 
गायक : कुमार सानू 


 

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