जग घुमेया लिरिक्स
ओ हो…
ओ हो…
ना वो अँखियाँ रूहानी कहीं, ना वो चेहरा नूरानी कहीं
कहीं दिल वाली बातें भी ना, ना वो सज्री जवानी कहीं
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
ना तो हसना रूमानी कहीं, ना तो खुशबू सुहानी कहीं
ना वो रंगली अदायें देखीं, ना वो प्यारी सी नादानी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
बारिशों के मौसमों की भीगी हरियाली तू
सर्दियों में गालों पे जो आती है वो लाली तू
रातों का सुकून…
रातों का सुकून भी है सुबह की अज़ान है
चाहतों की चादरों में मैंने है संभाली तू
कहीं आग जैसी जलती है बने बरखा का पांणी कहीं
कभी मन्न जाणा चुपके से यूँ ही अपनी चलाणी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
अपणे नसीबों में यां हौसले की बातों में
सुखों और दुखों वाली सारी सौगातों में
संग तुझे रखणा है…
संग तुझे रखणा है तूने संग रेहणा
मेरी दुनिया में भी मेरे जज़्बातों में
तेरी मिलती निशानी कहीं जो है सबको दिखाणी कहीं
तू तो जानती है मर के भी मुझे आती है निभाणी कहीं
वही करना जो है कहणा
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
जग घुमेया थारे जैसा ना कोई
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : इरशाद कामिल
गायक ( Singer) : राहत फ़तेह अली खान