जो भी कसमें खाई थी हमने लिरिक्स
जो भी कसमें खाई थी हमने
वादा किया था जो मिलके
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हे याद है, क्या तुम्हे याद है
क्या तुम्हे याद है…
दिन वो बड़े हसीन थे
रातें भी खुश नसीब थी
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हे याद है, क्या तुम्हे याद है
क्या तुम्हे याद है…
जागे जागे रहते थे खोये खोये रहते थे
करते थे प्यार की बातें
कभी तन्हाई में कभी पुरवाई में
होती थी रोज़ मुलाकातें
तेरी इन बाहों में तेरी पनाहों में
मैंने हर लम्हा गुज़ारा
तेरे इस चेहरे को चाँद सुनहरे को
मैंने तो जिगर में उतारा
कितने तेरे करीब था
मैं तो तेरा नसीब था
होठों पे रहता था हर वक्त बस नाम तेरा
क्या तुम्हे याद है, हाँ मुझे याद है
हाँ मुझे याद है…
आ… आ… आ… आ…
दिन के उजालो में ख्वाबों ख्यालों में
मैंने तुझे पल पल देखा
मेरी ज़िंदगानी तू मेरी कहानी तू
तू है मेरी हाथों की रेखा
मैंने तुझे चाहा तो अपना बनाया तो
तूने मुझे दिल बसाया
प्यार के रंगो से बहकी उमंगो से
तूने मेरा सपना सजाया
तेरे लबों को चुके
बाहों में तेरी झूम के
मैंने बसाया था आँखों में तेरे बसेरा
क्या तुम्हे याद है, हाँ मुझे याद है
हाँ मुझे याद है…
जो भी कसमें खाई थी हमने
वादा किया था जो मिलके
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हे याद है, हाँ मुझे याद है
हाँ मुझे याद है…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : समीर
गायक ( Singer) : अलका याग्निक & उदित नारायण