Kaha Raja Bhoj Kaha Gangu Teli Lyrics In Hindi

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली लिरिक्स ( दूल्हे राजा )

आ…
खुशबु सवाब रंग रवानी उठा के ला
कहते हैं उम्र रफ्ता कभी लौटती नहीं
जा मेह कदे से मेरी जवानी उठा के ला
वाह वाह, क्या बात है उत्साद…

अरे हे हे…
गुज़रा हुआ ज़माना कभी लौटता नहीं 
शायद कभी भी इसने देखा ना आइना 
सठिया गया है इसको कुछ सूझता नहीं 

आहा ओहो आहा…
छछूंदर के सर पे ना भाये चमेली 
छछूंदर के सर पे…
छछूंदर के सर पे ना भाये चमेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
क्यों उस्ताद ठीक है ना…

क्या बोला छछूंदर…
ओ मैं शकर की बोरी ये है गुड़ की भेली 
मैं शकर की बोरी…
मैं शकर की बोरी ये है गुड़ की भेली
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 

कबर के अंदर तेरी कमरियां 
आ हां हां कबर के अंदर तेरी कमरियां
कमरियां, कमरियां…
हां कबर के अंदर तेरी कमरियां
बस कुछ दिन है बाकी उमरियां 
आहा… घर मेरा देखे झांके अटरियां
आहा… घर मेरा देखे झांके अटरियां
अटरियां, हां अटरियां 
हां घर मेरा देखे झांके अटरियां 
धन पे है मेरे इसकी नज़रियां 

अरे भुढाऊ ये शेर अर्ज तेरे लिए…
लोग अच्छे हो तो दौलत नहीं देखि जाती 
सीरत अच्छी हो तो सूरत नहीं देखि जाती 
इतना बता दो इस बे-खबर सौदागर को 
माल अच्छा हो तो किम्मत नहीं देखि जाती 
क्या शेर मारा है…
बोया मुझको होने दे
बोया तूझको होने दे 

ना मैं होता तो क्या होता
ना तू होता तो क्या होता

ना तू होता तो ये होटल नहीं होता 
ना मैं होता तो ये ढाबा नहीं होता 
ना ये होटल होता ना ढाबा होता 
ना ये रगड़ा होता ना झगड़ा होता 

भुझा ना मुझे झूठी-मुठी पहेली 
भुझा ना मुझे…
भुझा ना मुझे झूठी-मुठी पहेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

ऐ गंगू, ऐ पंगु 
अरे गंगू गंगडे, ऐ पंगु लंगड़े 
अरे कुछ सुना-सुना, तो सुन 
समझ-समझ के समझ को समझो 
समझ-समझना भी एक समझ है
आ.. समझ-समझ के समझ को समझो 
समझ-समझना भी एक समझ है 
समझ-समझ के जो ना समझे 
मेरी समझ में वो ना-समझ है 
ऐ ना-समझ, ना-समझ ना समझ मुझे 
अरे ना-समझ, ना-समझ ना समझ मुझे 
मेरी समझ तो तेरी समझ की
समझ से बहार है,
बहार है…
मेरी समझ तो तेरी समझ की
समझ से बहार है

मैंने दिल उनको प्यार की हद थी 
मैंने जान दी उनको ऐतबार की हद थी 
मरने के बाद भी खुली रही आंखें 
ये मेरे इंतज़ार की हद थी 
ये मेरे इंतज़ार की हद थी 
ये तेरे इंतज़ार की हद थी 
ये तेरे इंतज़ार की हद थी 
हां मैं तुझे झेल गया झेलने की हद थी 
अरे मैं तुझपे खेल गया खेलने की हद थी 
तेरे सामने ढाबा खोला 
ये मेरे खोलने की हद थी 
हां मेरे खोलने की हद थी 
ये तेरे खोलने की हद थी 
ये तेरे खोलने की हद थी 
सा रे गा मा पा धा नि सा 
सा नि धा पा मा गा रे सा 
तेरे घर में पैसा-पैसा 
मेरे घर में पैसा-पैसा 
मैं इधर जाऊं के उधर जाऊं 
बड़ी मुश्किल-मुश्किल
मुश्किल, मुश्किल में हूँ 
मैं किधर जाऊं…

इधर जाऊं उधर जाऊं उधर जाऊं
इधर जाऊं इधर जाऊं उधर जाऊं 
किधर जाऊं किधर जाऊं हो…
ई याहा, ई याहा, ई याहा…
दौलतर से गया शोहरत से गया 
भरी महफ़िल में इज़्ज़त से गया 
हे हे बहोत हवा में था…
यारो मैं बाज़ी मार गया 
मेरी जीत हुई ये हार गया 
मेरी जीत हुई ये हार गया 
मेरी जीत हुई ये हार गया 
मेरी हो गयी इसकी कोठी हवेली 
मेरी हो गयी हां…

मेरी हो गयी इसकी कोठी हवेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली 
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली
ओये ओये ओये ओये हां…

समाप्त 

बोल : समीर अंजान 
गायक : सोनू निगम & विनोद राठौड़ 


 

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