करमन खेती धणिया सेती लिरिक्स
करमन खेती धणिया सेती
रात बिना फिर सोणा क्या
आवेगा हंशला चुग जावे मोती
कण बिन राश लटोला क्या
होये हुसियार चलो गुरु आगे
दिल साबत फिर डरना क्या
कांसी पितळ सोना ना होता
कला लागता पारष का
गुरु चेतन का आसान रखले
जाग जाग नर सोणा क्या
होये हुसियार चलो गुरु आगे
दिल साबत फिर डरना क्या
नो सो नदी निवासी नाळा
सात समद जळ ऊंडा क्या
गुरु ग़म होद भर्या काया में
नाडुल्या में नहाणा क्या
होये हुसियार चलो गुरु आगे
दिल साबत फिर डरना क्या
जम की दुति आयी शहर में
बिन खर्ची बिन खाणा क्या
नेम धर्म की बांध गांठली
सतगरु आगे धरदी बा
होये हुसियार चलो गुरु आगे
दिल साबत फिर डरना क्या
जिस नगरी में दया धर्म ना
उस नगरी में रहना क्या
जोड़ कर जोड़ भजन गिरी बोल्या
नहीं माने बिन कहणा क्या
होये हुसियार चलो गुरु आगे
दिल साबत फिर डरना क्या
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : ट्रैडिशनल
गायक ( Singer) : ट्रैडिशनल