उसे खैरियत से रखना लिरिक्स ( ग़दर 2 )
हे दो जहाँ के माल्लिक
सुनले मेरी गुज़ारिश आ…
हे दो जहाँ के माल्लिक
सुनले मेरी गुज़ारिश
मेरे जिगर के टुकड़े
के वास्ते ये ख्वाईश
वो जहाँ भी जिस जगह हो
तेरा हाथ सर पे रखना
हरदम हर घड़ी हां
तू फ़िक्र उसकी करना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
बस खैरियत से रखना
कभी तेज़ धुप उसका
बदन जला ना पाए आ…
हो कभी तेज़ धुप उसका
बदन जला ना पाए
कभी बारिशें भी उसको
बीमार कर ना पाए
होली हाफतन के उसके
तेरे हाथों से तू ढकना
उसको लगे ना ठोकर
इतना कर्म तू करना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
बस खैरियत से रखना
खैरियत से रखना, खैरियत
खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
उसे खैरियत से रखना
समाप्त
बोल : सईद क्वाद्रि
गायक : अरिजीत सिंह & मिथुन