ख़ुशी जब भी तेरी लिरिक्स
सारी गलियां तेरी जग-मगा दूंगा मैं
हर सुबह तेरी खुदको बना दुँगा मैं
सारी गलियां तेरी जग-मगा दूंगा मैं
हर सुबह तेरी खुदको बना दुँगा मैं
तू चलेगी जो घर से निकल के कहीं
तो रस्ते में खुदको बिछा दूंगा मैं
खुदा जाने मुझमे तू क्या देखती है
मैं तुझमे खुदा का कर्म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी…
ओ.. ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
कई रोज़ तक पानी पीता नहीं फिर…
हो.. कई रोज़ तक पानी पीता नहीं फिर
मैं जब तेरी आँखों को नम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी…
हो…
तू देखे ना देखे हमे ग़म नहीं मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
तू देखे ना देखे हमे ग़म नहीं मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
ख्यालों में हर पल ही रहता है तू ये रहने को ज़िंदा हमें कम नहीं
तेरे साथ के एक लम्हे में भी मैं तेरे साथ के सौ जनम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी…
तुझको किया याद दुनिया भुलाई है
सीने में ऐसी लगन इक लगाई है
तेरी तन्हाई मेरी जान पे बन आयी है
मिलने की मांगू दुआ…
मिलने की मांगू दुआ…
नज़र भर के जब देखता हूँ तुझे मैं
तो ज़ख़्मों पे दिल के मरहम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी…
ख़ुशी जब भी तेरी…
ख़ुशी जब भी तेरी…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : ए. एम. तुराज़
गायक ( Singer) : जुबिन नौटियाल