LYRICS AARTI HANUMAN JI KI


LYRICS DETAILS : AARTI KIJE HANUMAN LALA KI, SUNG BY HARIHARAN AND MUSIC DIRECTOR- LALIT SEN, CHANDER,
LYRICS : TRADITIONAL
MUSIC LABEL : T-SERIES
>JAI BAJRANG BALI<
LYRICS AARTI HANUMAN JI KI

लाल देह लाली लसे, अरु धरी लाल लंगूर |
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ||

आरती कीजे हनुमान लला की | 
दुष्टदलन रघुनाथ कला की ||

जाके बल से गिरवर कांपे |
रोग दोष जाके निकट ना झांके ||

अंजनी पुत्र महा बल दाई | 
संतन के प्रभु सदा सहाई || 

दे बीरा रघुनाथ पठाये | 
लंका जारी सिया सुधि लाये || 

लंका सो कोटि समुंद्र सी खाई |
जात पवनसुत बार ना लाई ||

लंका जारी अशूर सहांरे |
सियाराम जी के काज संवारे || 

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे |
लाय सजीवन प्राण उबारे ||

पेठि पताल तोरी जम कारे |
अहिरावण की भुजा उखारे ||

बाये भुजा असुर दल मारे | 
दाहिने भुजा संत जन  तारे || 

सुर नर मुनि जन आरती उतारे | 
जै जै जै हनुमान उचारे ||

कंचन थाल कपूर लो छाई | 
आरती करत अंजना माई ||

जो हनुमान जी की आरती गावे | 
बसी बैकुंठ परमपद पावे || 

लंक विध्वंस किये रघुराई | 
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ||

समाप्त 

बोल : स्वामी तुलसी दास जी 
गायक : हरिहारण 

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