माहि लिरिक्स ( इमरान हाश्मी & कंगना रनौत ) राज़ 2
तुझे मिल के लगा है ये
तुझे ढूँढ रहा था मैं
तुझे मिल के लगा है ये
तुझे ढूँढ रहा था मैं
तुझमें है कुछ ऐसी सुबह सा
जिसकी खातिर मैं था जगा सा
आ तू मेरे ख्वाब सजा जा रे
माही आजा रे, माही आजा रे
तुझमें है कुछ ऐसी सुबह सा
जिसकी खातिर मैं था जगा सा
आ तू मेरे ख्वाब सजा जा रे
दिल रोये या इलाही
तू आजा मेरे माही…
मेरे माहि मेरे माहि
तू आजा मेरे माही
तुझे मिल के लगा है ये
तुझे ढूँढ रहा था मैं
तुझे मिल के लगा है ये
तुझे ढूँढ रहा था मैं
तुझमें है कुछ ऐसी सुबह सा
जिसकी खातिर मैं था जगा सा
आ तू मेरे ख्वाब सजा जा रे
दिल रोये या इलाही
तू आजा मेरे माही…
मेरे माहि मेरे माहि
तू आजा मेरे माही
माहि… माहि…
धडकनों में माही, साँसों में है माही
तू ही है मेरे दिल की तमन्ना
तेरी ही यादें हर लम्हा
दे मुझे दे अपना आँचल
धूप में जलता मैं हर पल
तुझ में है कुछ ऐसी घटा सा
जिसके लिए हूँ मैं प्यासा सा
आ तू मेरी प्यास बुझा जा रे
दिल रोये या इलाही
तू आजा मेरे माही…
मेरे माहि मेरे माहि
तू आजा मेरे माही
माहि… माहि…
बस मेरा तू माही, सांसों में है माही
है मुझे है तेरा अरमान है
तुझे है मेरा बनना
हर घड़ी तेरी दिल में आहट
तू मिले मिल जाए राहत
जुड़ के भी तू मुझसे जुदा सा
मिलके भी तू क्यों है खफा सा
आजा मेरी बाहों में सजा रे
दिल रोये या इलाही
तू आजा मेरे माही
दिल रोये या इलाही
तू आजा मेरे माही…
माहि… माहि…
समाप्त
बोल : सईद क्वाद्रि
गायक : तोशी शबरी