मैं अगर लिरिक्स
मैं अगर… सितारों से चुरा के लाऊँ
रोशनी हवाओं से चुरा के लाऊँ
रागनी ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी…
मैं अगर… नज़रों से चुरा के लाऊँ
रंगते मज़ारों से चुरा के लाऊँ
बरकते ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी…
ये दुनिया पराई है बस एक अपना है तू
जो सच है मेरा वो सवेरा का सपना है तू
देखूंगा तेरा रास्ता…
हो कुछ तुझे बस खुदा ना ख़ास्ता…
ओ तेरे बिना उम्र के सफ़र में बड़ा
ही तनहा हूँ मैं
रफ़्तार जो वक्त की पकड़ ना सके
वो लम्हा हूँ मैं
फागुन के महीने तेरे बिना है फीके
जो तू नहीं तो सारे सावन मेरे सूखे
मैं अगर… किताबों से चुरा के लाऊँ
कायदे हिसाबों से चुरा के लाऊँ
फायदे ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी…
मैं अगर… सितारों से चुरा के लाऊँ
रोशनी हवाओं से चुरा के लाऊँ
रागनी ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी…
ये दुनिया पराई है बस एक अपना है तू
जो सच है मेरा वो सवेरा का सपना है तू
देखूंगा तेरा रास्ता…
हो कुछ तुझे बस खुदा ना ख़ास्ता…
खास्ता… खास्ता… खास्ता… आ
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक ( Singer) : आतिफ असलम