मैं अगर सामने लिरिक्स
हे… आ… ला…आ…
मैं अगर सामने आ भी जाया करूँ
लाज़मी है की तुम मुझसे परदा करो
अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर है
मैं भी तड़पा करूँ तुम तड़पा करो
बड़ी मुश्किल है ये मेरा दिल है
बड़ी मुश्किल है ये मेरा दिल है
तुम ही कहो कैसे मैं चुप रहूं…
तुम अगर सामने आ भी जाय करो
लाज़मी है की मैं तुमसे परदा करूं
अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर है
मैं भी तड़पा करूँ तुम तड़पा करो
बड़ी मुश्किल है ये मेरा दिल है
बड़ी मुश्किल है ये मेरा दिल है
तुम ही कहो कैसे मैं चुप रहूं…
तुम अगर सामने आ भी जाय करो
लाज़मी है की मैं तुमसे परदा करूं
हे… आ… ला…
सताने के मनाने के
ये दिन है आज़माने के
ज़ारा समझा करो दिलबर
तुम्हें मेरी कसम
यही मेरी है मजबूरी
सही जाये ना अब दूरी
मेरा क्या हाल है कैसे
बताऊं मैं सनम
ज़मीं होगी गगन होगा
तेरा मेरा मिलान होगा
मैं अगर तुम से नज़रें मिलाया करूं
लाज़मी है की तुम मुझसे परदा करो
आ… ला…
मैं दुनिया से चला जाऊं
कभी ना लौट के आऊं
करोगी क्या अकेले तुम
बताओ दिलरुबा
मैं रब से छीन लाऊंगी
तुझे अपना बनाउंगी
चलेगी सांस जब तक ये
ना होंगे हम जुदा
ना अपनी ये कसम टूटे
जो रब रूठे तो रब रूठे
मैं अगर तुमको मिलने बुलाया करूं
लाज़मी है की तुम मुझसे परदा करो
अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर है
मैं भी तड़पा करूँ तुम तड़पा करो
बड़ी मुश्किल है ये मेरा दिल है
तुम ही कहो कैसे मैं चुप रहूं…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : समीर
गायक ( Singer) : अभिजीत भट्टाचार्य & अलका याग्निक