मरीज़-ऐ-इश्क़ लिरिक्स
मरीज़-ऐ-इश्क़ हूँ मैं कर दे दवा
मरीज़-ऐ-इश्क़ हूँ मैं कर दे दवा आ…
ओ ओ हो…
तलब है तू तू है नशा गुलाम है दिल ये तेरा
खुलके ज़रा जी लूँ तुझे आजा मेरी साँसों में आ
तलब है तू तू है नशा गुलाम है दिल ये तेरा
खुलके ज़रा जी लूँ तुझे आजा मेरी साँसों में आ
मरीज़-ऐ-इश्क़ हूँ मैं कर दे दवा
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा ओ…
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा
ओहो…
तुझे मेरे रब ने मिलाया मैंने तुझे अपना बनाया
अब ना बिछड़ना खुदाया…
हम्म…
तुझे मेरे रब ने मिलाया मैंने तुझे अपना बनाया
अब ना बिछड़ना खुदाया…
मोहब्बत रूह की है लाज़िम ग़िज़ा
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा ओ…
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा ओ…
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा
ओहो…
चाहा तुझे मैंने वफ़ा से माँगा तुझे मैंने दुआ से
पाया तुझे तेरी अदा से…
हम्म…
चाहा तुझे मैंने वफ़ा से माँगा तुझे मैंने दुआ से
पाया तुझे तेरी अदा से…
करम हद से है ज़्यादा मुझपे तेरा है
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा ओ…
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा ओ…
हाथ रखदे तू दिल पे ज़रा
ओहो…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : शकील आज़मी
गायक ( Lyrics) : अरिजीत सिंह