मरुरंग सॉन्ग लिरिक्स ( सोनू कँवर ) राजस्थानी
म्हारो हिवड़े रो हार निज़र लग जाय
गोरी गोरी गजबण
पड़िया बन्नी री
अजी इक डर है म्हारे राज बन्ना सा ने
गोरी गोरी साल साल रे
हाँ गोरी गोरी…
गोरी गोरी गजबण बणी ठणी
मुजरो मानले खमां घणी
गोरो गोरी हो गोरी गोरी
गोरी गोरी गजबण बणी ठणी
मुजरो मानले खमां घणी
गोरो गोरी हो गोरी गोरी
जिन पे थारो जादू होज्या
जिन पे थारो जादू होज्या
बिको तो फिर राम धणी
गोरो गोरी हो गोरी गोरी
अरे गोरी गोरी गजबण बणी ठणी
मुजरो मानले खमां घणी
गोरो गोरी, गोरी, गोरी गोरी
अजी इक डर है
म्हारी सास नणद रो हो…
हो इक डर है
म्हारी सास नणद रो हो…
मेहलां में, मेहलां में
ओ मेहलां में झाला देव राज
छोडो मोरी बंया
म्हारो हिवड़े रो हार टुट्यो राज
छोडो मोरी बंया
चार चार चुड़ला रे
पडियां बन्नी रे अटची में
ना छू रे अटची में
ओ चार चार चुड़ला रे
पडियां बन्नी रे अटची में
ना छू रे अटची में
अरे हमें कोनी पेरो रे
केसरिया बन्नडा बाहरे खड़ा
बन्नसा बाहरे खड़ा
ओ चार चार चुड़ला रे
पडियां बन्नी रे अटची में
ना छू रे अटची में
साले साले रे अरि हां रे थोड़ा घाले रे
नणद बाई रा बीर का तो साले रे
साले साले रे अरि हां रे थोड़ा घाले रे
नणद बाई रा बीर का तो साले रे
काळी कलायण उमटी
पणिहारी जिये लो
हे मिरगा नैणी जिये लो
मोटोड़ी छांटा रो बरसे मेंह बाला जो
मोटोड़ी छांटा रो बरसे मेंह बाला जो
अजी साथ सहेल्यां रो झुलरयो ये
पणिहारी जिये लो
हे मिरगा नैणी जिये लो
गयी गयी समंद तळाब बाला जो
गयी गयी समंद तळाब बाला जो
के सरवर पाणी भरबा जाऊं सा
निज़र लग जाय
सरवर पाणी भरबा जाऊं सा
निज़र लग जाय
ओ निज़र लग जाय जुल्म होय हो जाय
निज़र लग जाय जुल्म होय हो जाय
सरवर पाणी भरबा जाऊं सा
निज़र लग जाय
सरवर पाणी भरबा जाऊं सा
निज़र लग जाय
सहेल्यां जाओ रे
म्हारा राज बन्ना सा ने हेर ल्याओ रे
छोरयां जाओ रे
म्हारा राज बन्ना सा ने हेर ल्याओ रे
हेर ल्याओ रे थे तो ढूंढ ल्यावो रे
छोरयां जाओ रे
म्हारा राज बन्ना सा ने हेर ल्याओ रे
छोरयां जाओ रे
म्हारा राज बन्ना सा ने हेर ल्याओ रे
जेला सेण मैं तो राज़ी रा
डेरां निरखण आयी सा
म्हारी जोड़ी रा जनाब
ओ मिरगा नैणी रा जनाब
मैं तो आप रा
डेरां निरखण आयी सा राज
क्यारयाँ में बाऊं केवड़ो
खेताँ में बाऊं हरियो पोदीनो
के लुळ हे झुक
हो लुळ जाई रे हरिया पोदीना
हो झुक जाई रे हरिया पोदीना
हो झुक जाई रे हरिया पोदीना
म्हारे मेहलां नीचे सा
ओ झरोखां नीचे सा
लगा दो हरिया बाग़
म्हारे मेहलां नीचे सा
ओ झरोखां नीचे सा
लगा दो हरिया बाग़
म्हारे डा मेहलां नीचे सा
ऐ झरोखां नीचे सा
लगाई दो हरिया बाग़
बन्ना थांको चाँद जिस्यो ऊणयारो
थान नैणा लेऊँ बसाय
बन्ना म्हान थे लागो लकिणा
थांक नज़र नहीं लग जाय
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) :ट्रैडिशनल
गायक ( Singer): सोनू कंवर
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