Mehandi Rachi Mhara Hathan Me Lyrics


मेहन्दी रची म्हारा हाथां में लिरिक्स 

मेहन्दी रची म्हारा हाथां में ओ हो…
मेहन्दी रची म्हारा हाथां में
घुळ रयो काजळ आंख्यां में 

चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 
चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 

आयो महीनों फागणियो ओ हो…
आयो महीनों फागणियो
मथरो चाल मायरियो 

थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  

मैं नाज़ुक सी नार नवेली…
मैं नाज़ुक सी नार नवेली
हूँ काच्ची कच्छ नार जी 
रंग ना डारो डर लाग है 
मतवाळा भरतार जी 

मैं नाज़ुक सी नार नवेली
हूँ काच्ची कच्छ नार जी 
रंग ना डारो डर लाग है 
मतवाळा भरतार जी 

मत मारो पिच्चकारी जी ओ हो…
मत मारो पिच्चकारी जी
विनती कर कर हारी जी 

म्हारो थर-थर काम्पे जिव म्हारा शायब जी
म्हारो थर-थर काम्पे जिव म्हारा शायब जी 

मेहन्दी रची म्हारा हाथां में
फूल खिल्या जण बागां में  
मेहन्दी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 
मेहन्दी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 

गाल गुलाबी घुंघटीये में…
गाल गुलाबी घुंघटीये में
मतना तू छुपाव है 
नेड़े आज्या रंग लगास्या 
मत म्हास शरमाव है 

गाल गुलाबी घुंघटीये में
मतना तू छुपाव है 
नेड़े आज्या रंग लगास्या 
मत म्हास शरमाव है 

सुण बागां की मोरणी ओ हो…
सुण बागां की मोरणी ओ हो
सूरत थारी सोवणी 

होळी में रंग खिलास्या थाने दो ये घडी 
होळी में रंग खिलास्या थाने दो ये घडी 

आयो महीनों फागणियो
मथरो चाल मायरियो 
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  

थारे प्रीत के रंग में रंगली…
थारे प्रीत के रंग में रंगली
मैं जीवन की ओढणी 

थे बागां का मोर सुरंगा 
मैं बागां की मोरणी 

थारे प्रीत के रंग में रंगली
मैं जीवन की ओढणी 

थे बागां का मोर सुरंगा 
मैं बागां की मोरणी 

प्रीत रंग बरसाओ जी ओ हो…
प्रीत रंग बरसाओ जी
घड़िये के नेड़े आओ जी 

थांके ही रंग में रंगल्यो म्हारी चूंदड़ली 
थांके ही रंग में रंगल्यो म्हारी चूंदड़ली 

मेहन्दी रची म्हारा हाथां में
घुळ रयो काजळ आंख्यां में 
चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 
चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 

आयो महीनों फागणियो
मथरो चाल मायरियो 
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी  

चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 
चुनड़ी को रंग सुरंग म्हारा शायब जी 
थाने हिवड़े से लगा स्या म्हार जिव की जड़ी


समाप्त ( End) 

बोल ( Lyrics) : निर्मल मिश्रा 
गायक ( Singer) : सीमा मिश्रा & राकेश कला 

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