मेरे मेहबूब क़यामत होगी लिरिक्स
मेरे मेहबूब क़यामत होगी
आज रुसवा, तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
नाम निकलेगा तेरा ही लैब से
जान जब इस दिल-ऐ-नाकाम
से रुखसत होगी
मेरे मेहबूब …
मेरे सनम के दर से अगर
बाद-ऐ-सबा हो तेरा गुज़र
कहना सितमगर कुछ है खबर
तेरा नाम लिया जब तक भी जिया
ऐ शमा तेरा परवाना
जिससे अब तक तुझे नफरत होगी
आज रूसवा तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
मेरे मेहबूब क़यामत होगी
आज रूसवा तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
मेरे मेहबूब…
तेरी गली में आता सनम
नगमा वफ़ा का गाता सनम
तुझसे सुना ना जाता सनम
फिर आज इधर आया हूँ
मगर ये कहने में दीवाना
ख़त्म बस आज ये वहशत होगी
आज रुसवा, तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
मेरे मेहबूब….
मेरी तरह तू आहें भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम ढाये हैं सितम
तो ये तू भूल न जाना
के ना तुझपे भी इनायत होगी
आज रुसवा, तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
मेरे मेहबूब क़यामत होगी
आज रुसवा, तेरी गलियों
में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रे तो गिला करती है
तेरे दिल को, भी सनम
तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : आनंद बक्शी
गायक ( Singer) : किशोर कुमार