मेरी माँ के बराबर कोई नहीं लिरिक्स ( जुबिन नौटियाल )
ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिरऊँची है शान, मैया, तेरीचरणों में झुकें बादल भी तेरेपर्वत पे लगे शैया तेरी
हे कालरात्रि, हे कल्याणीतेरा जोड़ धरा पर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
जैसे धारा और नदियां
जैसे फूल और बगियां
मेरे इतना ज्यादा पास है तू
जब होगा तेरा आँचल
नैना मेरे होंगे जल-थल
जाएंगे कहाँ फिर मेरे आंसू
दुःख दूर हुआ मेरा सारा
अंधियारों में चमका तारा
नाम तेरा जब भी है पुकारा
सूरज भी यहाँ है चंदा भी
तेरे जैसा उजागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
हे कालरात्रि, हे कल्याणीतेरा जोड़ धरा पर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरे मंदिरों में माई
मैंने ज्योत क्या जलाई
हो गया मेरे घर में उजाला
क्या बताऊं तेरी माया
जब कभी मैं लड़खड़ाया
तूने दस भुजाओं से संभाला
खिल जाती है सुखी डाली
भर जाती है झोली खाली
तेरी ही मेहर है मेहरावाली
ममता से तेरी बढ़ के मैया
मेरी तो धरोहर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहीं
हे कालरात्रि, हे कल्याणीतेरा जोड़ धरा पर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
माँ, मेरी माँ
माँ, मेरी माँ
माँ, मेरी माँ
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
समाप्त
बोल : मनोज मुन्तशिर
गायक : जुबिन नौटियाल