ना कजरे की धार लिरिक्स
ना कजरे की धार ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुन्दर हो
तुम कितनी सुन्दर हो…
ना कजरे की धार ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुन्दर हो
तुम कितनी सुन्दर हो…
मन में प्यार भरा और तन में प्यार
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्ही तो मेरे प्रियवर हो…
सिंगार तेरा यौवन यौवन ही तेरा गहना
सिंगार तेरा यौवन यौवन ही तेरा गहना
तू ताजगी फूलों की क्या सादगी का कहना
उड़े खुशबू जब चले तू
उड़े खुशबू जब चले तू
बोले तो बजे सितार
ना कजरे की धार ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुन्दर हो
तुम कितनी सुन्दर हो…
सारी दुनिया हरजाई तेरे में है सच्चाई
सारी दुनिया हरजाई तेरे में है सच्चाई
इस लिए छोड़ के दुनिया तेरी और खींची चली आयी
थी पत्थर तूने छू कर
थी पत्थर तूने छू कर
सोना कर दिया करार
मन में प्यार भरा और तन में प्यार
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्ही तो मेरे प्रियवर हो…
तेरा अंग सच्चा सोना मुश्कान सच्चे मोती
तेरा अंग सच्चा सोना मुश्कान सच्चे मोती
तेरे होंठ है मधुशाला तू रूप की है ज्योति
तेरी सूरत जैसे मूरत
तेरी सूरत जैसे मूरत
मैं देखूँ बार बार
ना कजरे की धार ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुन्दर हो
तुम कितनी सुन्दर हो…
मन में प्यार भरा और तन में प्यार
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्ही तो मेरे प्रियवर हो…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : आनंद बक्शी
गायक ( Singer) : पंकज उधास & साधना सरगम