Om Jai Jagdish Hare Lyrics In Hindi

Aarti Name Om Jai Jagdish Hare
Lyrics By Traditional
Music By Arun Paudwal
Singer Anuradha Paudwal
Label T-Series

 

ॐ जय जगदीश हरे लिरिक्स ( अनुराधा पौडवाल ) श्री विष्णु जी आरती 

ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे…

जो ध्यावे फल पावे
दुख बिनसे मन का
स्वामी दुख बिनसे मन का
सुख संपत्ती घर आवे
सुख संपत्ती घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे…

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूँ मैं किसकी
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी
तुम बिन और ना दूजा
तुम बिन और ना दूजा
आस करूँ किसकी
ओम जय जगदीश हरे…

तुम पूरण परमात्मा
तुम अंतर्यामी
स्वामी तुम अंतर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ओम जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर
तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख खल कामी
मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे…

तुम हो एक अगोचर
सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूँ दयामय
किस विधि मिलूँ दयामय
तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे…

दीन बंधु दुखहर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी तुम रक्षक मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे…

विषय विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वमी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
संतन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे…

तन मन धन
सब कुछ है तेरा
स्वामी सब कुछ है तेरा
तेरा तुझ को अर्पण
तेरा तुझ को अर्पण
क्या लागे मेरा
ओम जय जगदीश हरे…

ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे…

समाप्त 

बोल : ट्रेडिशनल 
गायक : अनुराधा पौडवाल 


 

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