पसूरी नु लिरिक्स ( सत्यप्रेम की कथा )
आवाज दूँ में पुकारूँ तुझे
तू पास आये मनालूँ तुझे
बहती हवा है तू है ख्वाब तू
पलकों पे रखूं संभालु तुझे
आवाज दूँ में पुकारूँ तुझे
तू पास आये मनालूँ तुझे
बहती हवा है तू है ख्वाब तू
पलकों पे रखूं संभालु तुझे
बिन तेरे दिल का ये गुज़ारा
अब एक दिन भी ना हो सजना
हारा हारा दिल हारा
एक बार आके मिल जा
रंवा च बनवां च तैनू छुपावां
कोई मैनु ना रोके
मेरे ढोल जुदाइयाँ दी
तुझे खबर ही ना होवे
आधा है दिल मेरा
पूरा तुझ से होवे
तैनू कसम खुदाइयाँ दी
अब सबर ही ना होवे
आधा है दिल मेरा
पूरा तुझ से होवे
पूरा तुझ से होवे
अग्ग लावां मजबूरी नु
आण जाण दी पसूरी नु
ज़हर बने हाँ तेरी
पी जावां मैं पूरी नु
जल्दी आ गए तेरे रास्ते
चाहे हो लम्हे दो ही प्यार के
सारी की सारी मेरी ये वफ़ा
रखदी है मैंने तेरे नाम पे
ऐसी कैसी तूने दस्तक दे दी
मुझको तो अब तुझसे फुर्सत नहीं
कैसा तेरा नशा है चढ़ा
जमीं पे कभी चाँद पे मैं कभी
कभी देखा ही ना जो नज़ारा
तेरे साथ देखा मैंने वो सजना
हारा हारा दिल हारा
तेरे जैसी नइयो मिलना
रंवा च बनवां च तैनू छुपावां
कोई मैनु ना रोके
आ चले लेके तुझे
है जहाँ सिलसिले
तू है वहीँ है तेरी कमी
बना दे सजा दे पन्हा दे हमें
बना दे सजा दे पन्हा दे हमें
अग्ग लावां मजबूरी नु
आण जाण दी पसूरी नु
ज़हर बने हाँ तेरी
पी जावां मैं पूरी नु
रंवा च बनवां च तैनू छुपावां
कोई मैनु ना रोके
मेरे ढोल जुदाइयाँ दी
तुझे खबर ही ना होवे
आधा है दिल मेरा
पूरा तुझ से होवे
तैनू कसम खुदाइयाँ दी
अब सबर ही ना होवे
आधा है दिल मेरा
पूरा तुझ से होवे
पूरा तुझ से होवे
पूरा तुझ से होवे
समाप्त
बोल : गुरप्रीत सैनी & अक्स अली सेठी
गायक : अरिजीत सिंह & तुलसी कुमार