फिर कभी लिरिक्स
ये लम्हा जो ठहरा है मेरा है ये तेरा है
ये लम्हा मैं जी लूँ ज़रा…
तुझमे खोया रहूँ मैं मुझमे खोई रहे तू
खुद को ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू
खुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हां फिर कभी…
क्यों बे-वजह गुनगुनाएं
क्यों बे-वजह मुस्कुराएं
पलकें चमकने लगी हैं
अब ख्वाब कैसे छुपाएं
बहकी सी बातें कर लें हस-हस के आँखें भर लें
ये बेहोशियां फिर कहाँ…
तुझमे खोया रहूँ मैं मुझमे खोई रहे तू
खुद को ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू
खुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हां फिर कभी…
दिल पे तरस आ रहा है
पागल कहीं हो ना जाए
वो भी मैं सुनने लगा हूँ
जो तुम कभी कह ना पाए
ये सुबहें फिर आएगी ये शामें फिर आएगी
ये नज़दीकियां फिर कहाँ…
तुझमे खोया रहूँ मैं मुझमे खोई रहे तू
खुद को ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू
खुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हां फिर कभी…
हो… हो…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : मनोज मुन्तशिर
गायक ( Singer) : अरिजीत सिंह