Puri Ayodhya Raja Dashrath Ghar Bhajan Lyrics

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर लिरिक्स

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

जनक पूरी में जनक बिराजे 
ज्यां घर सीता जनम लियो 
प्रश् राम एक धनुष धर्या है 
सिया जी ने  कर से दूर कियो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

देश देश का भूप बुलाया 
राजा जनक घर सवेम्बर रच्या 
अवध पूरी से कोई नहीं आया 
विश्वा मित्र ल्याणं गया 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

आगे आगे विश्वा मित्र 
लार लिछमण राम भयो 
राजा जनक के द्वारे पूग्या 
भूप सभी शरमाय रहयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

सुन्दर रूप दो बालक आये 
सिया के मन में हर्ष भयो 
अमका पूजण गयी सियाजी 
दशरथ सुत को ध्यान धरयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

बांये कर से धनुष तोड्या 
एक टूक पातळ भयो 
दूजा टूट पड्या धरणी पर 
तीजा टूक आकाश गयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

टूट्या धनुष भया सरनाटा 
प्रशराम विकराळ भयो 
ले परशो मारण ने चल्यो 
काउं काउं करत गयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

प्रशराम छवि देख राम की 
भुजा पसार मिलण ने गयो 
रोम रोम अंग खेंच लियो 
चिरंजी चिरंजी करत भयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

जनकपूरी में ब्याव रचायो 
सकियाँ मंगल गाय रहयो 
ब्रम्हा बैठे वेद पढ़त है 
नारद वीणा बजाय रहयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…

सीता प्रण राम घर आये 
घर घर मंगळा चार भयो 
मात कौशल्या कर आरतो 
तुलसी दाश जस गा रहयो 

पूरी अयोध्या राजा दशरथ घर
रामचंद्र अवतार लियो…


समाप्त ( End) 

बोल ( Lyrics) : ट्रैडिशनल 
गायक ( Singer) : ट्रैडिशनल 

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