Sab Kuch Bhula Diya Lyrics In Hindi

सब कुच्छ भुला दिया लिरिक्स ( हम तुम्हारे हैं सनम ) सोनू निगम, सपना अवस्थी 

हमने तुम से, तुमने हमारा
रिश्ता जोड़ा ग़म से 
एक वफ़ा के सिवा
कोनसी ख़ता हुई थी हमसे 

कभी बंधन जुड़ा लिया 
कभी दामन छुड़ा लिया…

कभी बंधन जुड़ा लिया 
कभी दामन छुड़ा लिया 
कभी बंधन जुड़ा लिया 
कभी दामन छुड़ा लिया 

ओ साथी रे…
कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

तेरे वादे वो इरादे
तेरे वादे वो इरादे 

ओ मितवा रे…
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

मेरी यादों में तुम हो
मेरी साँसों में तुम हो
मगर तुम जाने कैसी 
गलत फेहमी में गुम हो 

तुम्हारे घर को मंदिर 
देवता तुमको बना लिया
तुम्हारे घर को मंदिर 
देवता तुमको बना लिया 
देवता तुमको बना लिया 

तेरे वादे वो इरादे
तेरे वादे वो इरादे 

ओ मितवा रे…
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

उम्र भर सो ना सकेंगे 
किसी के हो ना सकेंगे 
अजनबी तुम हो जाओ 
गैर हम हो ना सकेंगे 

किसी बैगाने की खातिर 
तुमने अपनों को भुला दिया
किसी बैगाने की खातिर 
तुमने अपनों को भुला दिया
तुमने अपनों को भुला दिया
हां तुमने अपनों को भुला दिया

तेरे वादे वो इरादे
तेरे वादे वो इरादे 

ओ साथी रे…
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

अब मुझे जीना नहीं सनम
ये जहर पीना नहीं सनम
अब मुझे जीना नहीं सनम
ये जहर पीना नहीं सनम

जन्म-जन्मों का नाता 
चंद लम्हों में मिटा दिया 
जन्म-जन्मों का नाता 
चंद लम्हों में मिटा दिया 
चंद लम्हों में मिटा दिया 

तेरे वादे वो इरादे
तेरे वादे वो इरादे 

ओ मितवा रे…
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
सब कुच्छ भुला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

कभी बंधन जुड़ा लिया 
कभी दामन छुड़ा लिया 
कभी बंधन जुड़ा लिया 
कभी दामन छुड़ा लिया 

ओ साथी रे…
कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 

ओ मितवा रे…
ओ मितवा रे…
ओ मितवा रे…
ओ मितवा रे…

कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया 
कैसा सिला दिया वफ़ा का
कैसा सिला दिया…

समाप्त 

बोल : कार्तिक अवस्थी 
गायक : सोनू निगम & सपना अवस्थी


 

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