Sanwali Surat Pe Mohan Lyrics

सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया लिरिक्स ( श्याम जी भजन )

सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया मेरा
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे नैन तिरछे
दूसरा काजल लगा
तीसरा नज़रें मिलाना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे होठ पतले
दूसरा लाली लगी
तीसरा तेरा मुस्कुराना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे हाथ कोमल
दूसरा मेहँदी लगी
तीसरा मुरली बजाना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे पांव नाज़ुक
दूसरा पायल बंधी
तीसरा घुँघुरु बजाना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे भोग छप्पन
दूसरा माखन धरा
तीसरा खिचड़े का खाना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तेरे साथ राधा
दूसरा रक्मण खड़ी
तीसरा मीरा का आना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

एक तो तुम देवता हो
दूसरा प्रियतम मेरे
तीसरा सपनों में आना
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया मेरा
दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन
दिल दीवाना हो गया…

समाप्त

बोल : पुरुषोत्तम जी शर्मा 
गायक : संजू शर्मा 


 

Leave a Comment

error: Content is protected !!