सांवरा थारी माया रो लिरिक्स
वृंदावन सो वन नहीं नन्द गाँव सो गाँव
राधा जैसी गोपिका कृष्ण श्याम सा श्याम
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
आसमान में सूरज चंदा तारे अपरम्पार
बिन खमले ठहरायो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
यमुना जी में नाग काळियों जेहरि अपरम्पार
टाबर सो कयां नचायो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
इंद्र कोप कियो ब्रज ऊपर बरस्यो मुसळधार
नट पर गिरवर धारयो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
धुरियेधन का मेवा त्याग्या कोनी बण्यो सुवाद
साग विधर घर खायो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
हिरणाकुश ने वर दियो प्रहलाद भक्त घर आय
थे राम नाम मत लीज्यो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
मोटा मोटा राक्षसा ने पल में दिया पसार
गुज़रियाँ कयां नचायो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
सूरदास थाने भजन सुणावे सुणो द्वारका रा नाथ
मन आंधो कयां बणायो रे दयालु दिन्यानाथ
सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार
भेद कोनी जाण्यो रे दयालु दिन्यानाथ
समाप्त ( End)