सतरंगा सॉन्ग लिरिक्स ( एनिमल ) अरिजीत सिंह
आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा
ऐसे हो पूरा चन्द्रमा
हो तारा तेरा इक तारा मेरा
बाकी अँधेरा आसमां
ना तेरे संग लागे
बांधे जो पीपल पे धागे
ये सुरमे के धारे
बहते हैं नज़रे बचा के
बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
हो हो हो हो…
माथे से लगा लूँ हाथ
छू के मैं पैर तेरे
हो रख लूँ मैं तन पे ज़ख्म
बना सारे बैर तेरे
रुकना नई तू
हुन्न रुस्सना नई मैं
तेरे नई रहा
ते ना खुद दा वि मैं
दुनिया तू ही है मेरी
पर ना आना अब ना आना
मैं नई आना शहर तेरे
जो फेरे संग लागे
रखते वो हमको जला के
वो वादे झूठे वादे
ले जा तू कसमें लगा के
रग-रग में मलंगा है ये इश्क़ रे
क्यों लहू में ही रंगा है ये इश्क़ रे
हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
हो हो हो हो…
तू मेरी सारी यादें
पानी में आज बहा दे
ये तेरी भीगी आँखें
रख लूँ लबों से लगा के
मैं समंदर परिंदा है ये इश्क़ रे
मन मातम और ज़िंदा है ये इश्क़ रे
हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
हो हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
समाप्त
बोल : सिद्धार्थ-गरिमा
गायक : अरिजीत सिंह