हनुमत तेरी धाक से धूजे लंका कोट
कारज सारो श्री राम के धारो लाल लंगोट
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
सालसर शुभ धाम तुम्हारा मंदिर की छवि न्यारी
दूर दूर से आवे यात्री आवे नर और नारी
तेरे चरणों में शीश निवावे दिन लगन तेरे चरणों में
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
मकराणा का बण्या दीवारा चौक जड्या अति भारी
धर्मसाल और सुन्दर पिंपळ अटल ज्योत रे भारी
तेरे सोने का छतर चढ़ावे दिन लगन तेरे चरणों में
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
घीरत सिंदूर चढ़े बजरंग के लाल लंगोटा भारी
रामचंद्र के पायक कहिजो अंजनी मात तुम्हारी
थार लाल धजा पहरावे दिन लगन तेरे चरणों में
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
हाथ जोड़कर करूं जो विनती सुणज्यो अरज हमारी
भरी सभा में आकर बाबा रखना लाज हमारी
तुम शंकर के पुत्र कहाओ दिन लगन तेरे चरणों में
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
चैत सुधि पूनम का मेळा भीड़ लगी अति भारी
दूर दूर से आव यात्री आव बारम बारी
तेरा गोविन्द राम गुण गावे दिन लगन तेरे चरणों में
तेरा भगत सभा में मनाव दिन लगन तेरे चरणों में
दिन लगन तेरे चरणों में
बजरंग, बजरंग, बजरंग
समाप्त ( End)