Teri Kaya Nagar Me Hira Bhajan Lyrics

तेरी काया नगर में हिरा लिरिक्स 

संत हमारी आत्मा और हम संतान की देन 
रोम रोम रम रया ज्यूँ बादळ में मेघ 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

सुरता भजन में यूँ लगी ज्यूँ चकरी में डोर 
शायरा करसि सोधना भूल्यो फिर गिंवार 
रोस मन मांईला में ल्याव रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

जैसे नाना चलणा जैसी नानी दूब 
घास पूस जळ जाव सी दूब रवेगी खूब 
फेर सावण कद आसी रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

जैसे शीशी काच की जैसे नर की देह 
जतन करन्ता जाव सी हर भजनावा नीर 
मोसर थारो बित्यो जाव रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

मन लोभी मन लालची मन चंचल चोर 
मन के मत ना चालिये पलक पलक मन और 
जिव के जाळ घलाव रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

साजन गुड्डी उड़ांव ता लामी देता डोर 
बेह गया झोला प्रेम का चित कटिया चित डोर 
रेशमी किन्ना उड़ाव रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 

ऐसी तो कबीर करी दूजा करी ना कोई 
जळया नहीं जढ़िया अम्बर करया शरीर 
फेफ का फूल बणाया रे 

तेरी काया में नगर में हिरा हेंरया से पाव रे 
तेर गळ को हार जंजीरो सतगरु सुळ जाव रे 


समाप्त ( End) 

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