तेरी मिट्टी लिरिक्स
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जाके कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं अफ़सोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
मेहफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
हाँ मेरी ज़मीं मेहबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जवाँ
गुल बन के मैं खिल जवाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
तेरी नदियों में बेह जवाँ
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
ओ… हो…
सरसों से भरे खलियान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा ना सका
आबाद रहे वो गाओं मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ओ वतना वे मेरे वतना वे तेरा
मेरा प्यार निराला था
क़ुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जवाँ
गुल बन के मैं खिल जवाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
तेरी नदियों में बेह जवाँ
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
केसरी…
ओ हीर मेरी तू हस्ती रहे
तेरी आँख घडी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी क्या फ़िक्र तुझे
क्यों आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेसा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जवाँ
गुल बन के मैं खिल जवाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
तेरी नदियों में बेह जवाँ
तेरे फसलों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरज़ू…
केसरी…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : मनोज मुन्तशिर
गायक ( Singer) : बी पराक