तू ही है आशिकी लिरिक्स
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इंतेहा मेरी
तू ही मेरा जहाँ तू ही जुदा
तू मेरे रूबरू हर शय में तू ही तू
तू पहली आरज़ू तू ही जुदा
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
दिल ने कहाँ था ना तड़पेगा
फिर आज दिल धड़के क्यों जाए
ख़्वाबों ने पर किया था खोना
फिर आज क्यों पलट वो आये
तुझमे लिखा हूँ मैं तुझसे जुड़ा हूँ मैं
तू मेरा रोग है तू ही दवा…
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
हूँ…
आधी है रहगुज़र आधा है आसमां
आधी है मंज़िलें आधा जहाँ
तेरा हूँ जान ले रूह मुझसे बांध ले
बाँहों में थाम ले कर दे ज़िंदा
हर शय में तू चप्पे चप्पे में तू
ख्वाहिश में तू क़िस्से क़िस्से में तू
हर ज़िद में तू फ़िक्रों फ़िक्रों में तू
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इंतेहा मेरी
तू ही मेरा जहाँ तू ही जुदा
सौंधी सी बातें हैं राहत से नाते हैं
रिस्ता सुकून से फिर है जुड़ा
फिर मीठी धुप है फिर तेरी छाँव है
अपनी हर सांस तुझपे दूँ लुटा
रग रग में तू ज़र्रे ज़र्रे में तू
नस नस में तू कतरे कतरे में तू
तुझमें हूँ में मुझमें बसी है तू…
पूरी है रह गुज़र पूरा है आसमां
पूरी है ज़िन्दगी पूरा जहाँ
संग तेरे रास्ता सदियों का वास्ता
फिर से जीने की इक तू ही वजह
तुझमे लिखी हूँ मैं तुझसे जुडी हूँ मैं
तू मेरा रोग है तू ही दवा…
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
हम मौज हमनशीं अब हूँ ज़िंदा…
समाप्त ( End)
बोल ( Lyrics) : सनमजीत तलवार
गायक ( Singer) : अरिजीत सिंह & पलक मुच्छल