तुम क्या मिले लिरिक्स ( रॉकी और रानी की प्रेम कहानी )
बेरंग थे दिन बेरंगी शामें
आयी है तुम से रंगीनियां
फीके थे लम्हें जीने में सारे
आयी है तुम से नमकीनियां
बेइरादा रास्तों की
बन गए हो मंज़िलें
मुश्किलें हल हैं तुम्हीं से
या तुम्हीं हो मुश्किलें
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
हम ना रहे हम
तुम क्या मिले
जैसे मेरे
दिल में खिले
फागुन के मौसम
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
कोरे कागज़ों की ही तरह है
इश्क़ बिना जवानियाँ
दर्ज हुई है शायरी में
जिनकी है प्रेम कहानियां
हम ज़माने की निगाहों में
कभी गुमनाम थे
अपने चर्चे कर रही है
अब शहर की महफ़िलें
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
हम ना रहे हम
तुम क्या मिले
जैसे मेरे
दिल में खिले
फागुन के मौसम
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
हम थे रोज़ मरना के
एक तरह के
कितने सवालों में उलझे
उनके जवाबों के जैसे मिले
झरने ठन्डे पानी के
हो रवानी में
ऊँचे पहाड़ों से बहके
ठहरे तालाबों से जैसे मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
हम ना रहे हम
तुम क्या मिले
जैसे मेरे
दिल में खिले
फागुन के मौसम
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
हम ना रहे हम
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
तुम क्या मिले
समाप्त
बोल : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक : अरिजीत सिंह & श्रेया घोषाल