Udja Kale Kawan Lyrics In Hindi


उड़जा काले कावां लिरिक्स 

उड़जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावां 
ले जा तू संदेशा मेरा मैं सद के जावां 

बागों में फिर झूले पड़ गए पक्क गइयाँ मिठियां अम्बियां 
ये छोटी सी ज़िन्दगी ते रातां लाम्बिया-लाम्बिया
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

हो… हो हो… हो हो हो…

छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का 
ओ… छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अंखिया रस्ता देखे बिछड़े मितों का 

सारी-सारी रात जगाये मुझको तेरी यादें 
मेरे सारे गीत बने मेरे दिल की फरियादें 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी


समाप्त ( End ) 



उड़जा काले कावां ( मैरिज )

उड़जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावां 
ले जा तू संदेशा मेरा मैं सद के जावां 

बागों में फिर झूले पड़ गए पक्क गइयाँ मिठियां अम्बियां 
ये छोटी सी ज़िन्दगी ते रातां लाम्बिया-लाम्बिया
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का 
ओ… छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अंखिया रस्ता देखे बिछड़े मितों का 

आज मिलान की रात ना छेड़ो बात जुदाई वाली 
मैं चुप तू चुप प्यार सुने बस प्यार ही बोले खाली 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
होय ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

ओ… ओ… तारा रा रा रा…

उड़जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावां 
ले जा तू संदेशा मेरा मैं सद के जावां 

बागों में फिर झूले पड़ गए पक्क गइयाँ मिठियां अम्बियां 
ये छोटी सी ज़िन्दगी ते रातां लाम्बिया-लाम्बिया
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी


समाप्त ( End)



उड़जा काले कावां  ( विक्ट्री )

उड़जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावां 
ले जा तू संदेशा मेरा मैं सद के जावां 

बागों में फिर झूले पड़ गए पक्क गइयाँ मिठियां अम्बियां 
ये छोटी सी ज़िन्दगी ते रातां लाम्बिया-लाम्बिया
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

ओ… हो हो… ओ… हो हो…

कितनी दर्द भरी है तेरी मेरी प्रेम कहानी 
कितनी दर्द भरी है तेरी मेरी प्रेम कहानी 
सात समुन्द्र जितना अपनी आँखों में है पानी 

मैं दिल से दिल मुझसे करता हो…
मैं दिल से दिल मुझसे करता है जब तेरी बातें 
सावन आने से पहले हो जाती है बरसाते 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी…

ओ घर आजा परदेशी…
ओ घर आजा परदेशी…

ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 
ओ घर आजा परदेशी के तेरी मेरी इक ज़िन्दड़ी 

ओ… ओ… तारा रा रा रा…

पर्वत कितने ऊँचे कितने गहरे होते हैं 
ओ पर्वत कितने ऊँचे कितने गहरे होते हैं 
कुछ मत पूछो प्यार पे कितने पहरे होते हैं 

इश्क़ में जाने क्या हो जाता है ये रब ही जाने 
तोड़ के सारी दीवारे मिल जाते है दीवाने 
ओ लेजा मुझे परदेसी के तेरी मेरी एक ज़िन्दड़ी 
ओ लेजा मुझे परदेसी के तेरी मेरी एक ज़िन्दड़ी 

हां लेजा मुझे परदेसी के तेरी मेरी एक ज़िन्दड़ी 
ओ लेजा मुझे परदेसी के तेरी मेरी एक ज़िन्दड़ी 


समाप्त ( End) 

बोल ( Lyrics) : आनंद बक्शी 
गायक ( Singer) : उदित नारायण, अलका याग्निक, प्रीती उत्तम & निहार 

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