Umrav Thari Boli Lyrics Song

Song Name Umrav
Lyrics By Traditional
Music By Nirmal Mishra
Singer Seema Mishra
Label Veena Music

 

उमराव लिरिक्स सॉन्ग ( सीमा मिश्रा ) मारवाड़ी सॉन्ग 

आप झरौखे बैठता अळबळिया सिरदार
हाज़र रहती गौरड़ी कर सोळा सिणगार
हो जी सरकार थारी सूरत प्यारी लागै, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

पिया गया परदेश में नैणा टपके नीर
ओळ्यू आवे पीव की जिवड़ो धरे ना धीर
ओ जी उमराव थारे लेरा लागी आऊं, म्हारा राज
राजन चाल्या पगा पगा रथ पर रह गया दूत
बिलखत छोड़ी कामणि परिया की सी हूर
उमराव थारी चलगत प्यारी लागै, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

चंदा तेरे चानणे सूती पलंग बिछाय
जद जागूँ जद एकली मरुँ कटारी खाय
सिरदार म्हारो जोबण एडो जावे, म्हारा राज
पीव परदेसा था रह्या सूनी आखातीज
लुआ चाले जेठ की जावे बदन पसीज
ओ जी आसाढा बदळी छाई अब घर आओ, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

सावण बरख़ा झुक रही चढ़ी घटा घनघोर
कोयल कूक सुनावती बोले दादुर मोर
ओ जी उमराव पपैयो पीव पीव शब्द सुनावै, म्हारा राज
चम चम चमके बिजळी, टप टप बरसे मेह
भर भादव बिलखत तजि भलो निभायो नेह
ओ जी उमराव चैत्र चौमासे ने घर आओ, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

आसोजां मैं सीप ज्यूँ प्यारी करती आस
पीव पीव करती धण कहे प्रीतम ना आवे पास
ओ जी भरतार इंद्र ओलर ओलर आवे, म्हारा राज
करूँ कढ़ाई चाव सै तेरी दुर्गा मांय
आसोजा में आय के जो प्रीतम मिल जाय
महाराणी थारे सुवर्ण छतर चढ़ाऊँ, म्हारी माय
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

कातिक छाती कर कठिन पिया बसे जा दूर
लालच में बस होय के बिलखत छोड़ी हूर
सरकार धण थारी ऊबी काग उड़ावे, म्हारा राज
सखी संजोवे दीवळा पूजे लक्ष्मी मात
रलमिळ ओढ़े कामणि ले प्रीतम ने साथ
सरकार सखी सब पीव संग मौज उड़ावे, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

मंगसर महीना में मेरे मन में उठे तरंग
पोष माघ की ठण्ड में मदन करत मोहे तंग
उमराव बिना कुण म्हारी तपत मिटावे, म्हारा राज
फागण में संग की सखी सभी रंगावै चीर
मेरा सब रंग ले गयो बाई जी रो बीर
होळी में थारी नार बेरंगी डोळे, म्हारा प्राण
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

साजन साजन मैं करूँ साजन जीव जड़ी
चुड़ले ऊपर मांड ल्यूं बाँचू घड़ी घड़ी
भरतार थांकी ओळ्यू म्हाने आवे, म्हारा राज
चेत महीनो लागियो बीत्यां बारह माँस
गणगौरया घर आयके पुरो मन की आस
उमराव म्हाने हिवड़े स्यूँ लिपटाल्यो, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

चार कूँट की बावड़ी ज्यां  में शीतल नीर
आपां रळ मिल न्हावस्यां नणदल बाई रा बीर
उमराव थारी चलगत प्यारी लागे, म्हारा राज
ओ जी उमराव थारी बोली मीठी लागे, म्हारा राज
उमराव थारी बोली मीठी लागे, म्हारा राज
म्हारा साहेबा, ओ जी म्हारा राज

चाँदी को एक बाटको ज्यामें भूरा भात
हुकुम देवों सरकार थे जीमां दोन्यूं साथ
अजी सिरकार थाने पंखियों ढुळाऊँ, म्हारा राज
ओ जी उमराव थारी बोली मीठी लागे, म्हारा राज
उमराव थारी बोली मीठी लागे म्हारा राज
उमराव जी, ओ जी उमराव

पीव आया परदेस से जाजम देइ बिछाय
तन मन की फेर पुछस्या हिवड़े ल्यो लिपटाय
ओ जी हुकुम करो तो धण थारी हाजर है, म्हारा राज
ओ जी उमराव थारी बोली मीठी लागे, म्हारा राज
उमराव थारी बोली मीठी लागे, म्हारा राज
उमराव जी, ओ जी उमराव

समाप्त

बोल : ट्रेडिशनल 
गायक : सीमा मिश्रा 


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